किस्मत ने जैसा चाहा वैसे ढल गए हम ..
बहुत संभल के चले फिर भी फिसल गए हम !
किसी ने विश्वास तोड़ा तो किसी ने दिल ..
और लोगों को लगा कि बदल गए हम !!
रात गई तो तारे चले गए..
गैरों से क्या गिला जब हमारे चले गए हैं !
हम जीत सकते थे कई बाजियां ..
बस कुछ अपनों को जिताने के लिए ..
हम हारे चले गए !!
ए खुदा तू कभी इश्क ना करना..
बेमौत मारा जायेगा !
हम तो मर के भी तेरे पास आते हैं..
और तू बता कि तू कहां जाएगा !!
वह अक्सर मिला करते हैं कहानी बनकर,
जो दिल में बसे हैं निशानी बनकर,
जो रहते हैं हमेशा हमारी नजरों में,
जाने क्यों निकल जाते हैं आंखों से वह पानी बनकर ।।
कभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोए..
जब भी तेरी याद आई, तुझे भुला के रोए !
एक तेरा ही नाम तो था, जिसे हजार बार लिखा ..
जितना लिख के खुश हुए, उससे ज्यादा मिटा के रोए !!
कौन जाने कब मौत का पैगाम आ जाए ..
जिंदगी की आखरी शाम आ जाए !
हमें तो इंतजार है उस शाम का ..
जब हमारी जिंदगी किसी के काम आ जाए !!
तेरी मोहब्बत में इस जहां को भूल गए
हम औरों को अपनाना भूल गए !
सारे जहां को बताया तुझसे मोहब्बत है..
सिर्फ तुझे ही बताना भूल गए !!
मोहब्बत ऐसी थी कि उनको बता ना सके,
चोट दिल पर थी इसलिए दिखा ना सके,
हम चाहते तो नहीं थे उनसे दूर होना,
मगर दूरी इतनी थी उसे हम मिटा ना सके ।।
जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम,
मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम,
सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा,
बस कसूर इतना था कि बेकसूर थे हम ।।
बहुत चाहा जिसको हम पा न सके
ख्यालों में किसी और को लाना सके !
उसको देखकर आंसू तो पूछ लिए लेकिन ..
किसी और को देख कर मुस्कुराना सके !!
उसकी तलाश में जब मैंने भटकना छोड़ दिया
यादों मैं उनकी को कर मैंने तड़पना छोड़ दिया !
वह आए तो सही लेकिन उस वक्त ..
जब इस दिल ने उनके लिए धड़कना छोड़ दिया !!
तेरे ख्याल से खुद को छुपा कर देखा है
दिलों नजर को रुला रुला कर देखा है !
तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम
मैंने कुछ पल तुझे भुला कर देखा है !! .💘
जुबान से नाम लेते हैं
आंखों से आंसू छलक जाते हैं !
कभी हजारो बातें किया करते थे वह ..
आज एक बात के लिए तरस जाते हैं !!
आंसू आ जाते हैं रोने से पहले,
ख्वाब टूट जाते हैं सोने से पहले,
कई लोग कहते हैं मोहब्बत गुनाह है,
काश कोई रोक लेता यह गुनाह होने से पहले ।।
कितना अजीब अपनी जिंदगी का सफर निकला,
सारे जहां का दर्द अपना मुकद्दर निकला,
जिसके नाम अपनी जिंदगी का हर लम्हा कर दिया,
अफसोस कि वह हमारी चाहत से बेखबर निकला ।।
दिल के कोने से एक आवाज आती है,
हमें हर पल उनकी याद आती है,
दिल पूछता है बार-बार हमसे,
कि जितना हम याद करते हैं उन्हें,
क्या उन्हें भी हमारी याद आती है ।।
जब कुछ सपने अधूरे रह जाते हैं,
तब दिल के दर्द आंसू बनकर बह जाते हैं,
जो कहते हैं कि हम सिर्फ आपके हैं,
पता नहीं वह कैसे अलविदा कह जाते हैं ।।
सदियों से जागी आंखों को, एक बार सुलाने आ जाओ
माना कि तुम्हें प्यार नहीं, नफरत ही जताने आ जाओ
जिस मोड़ पर हम को छोड़ गए !
हम बैठे अब तक सोच रहे हैं
क्या भूल हुई क्यों जुदा हुए ..
बस यही समझाने आ जाओ !!
मेरे दिल का दर्द किसने देखा है
मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है !
हम तन्हाई में बैठे रोते हैं ..
लोगों ने हमें महफिल में हंसते देखा है !!
वह तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे
हमारी तन्हाइयों से भी आंखें चुराते रहे !
हमें ही मिल गया किताबे बेवफा
क्योंकि हम अपना दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे !!
जिंदगी है नादान इसलिए चुप हूं
दर्द ही दर्द है सुबह शाम इसलिए चुप हूं !
कह दूं जमाने से दास्तान अपनी ..
उसमें आएगा तेरा नाम इसलिए चुप हूं !!
दिल से खेलना हमें आता नहीं
इसलिए इश्क की बाजी हम हार गए !
शायद मेरी जिंदगी से बहुत प्यार था उन्हें..
इसलिए मुझे जिंदा ही मार गए !!
जिस दिन बंद कर ली हमने आंखें
कई आंखों से उस दिन आंसू बरसेंगे !
जो कहते हैं बहुत तंग करते हो हमें
वही हमारी एक शरारत को तरसेंगे !!
तुझे चाहा भी तो इजहार ना कर सके,
कट गई उम्र किसी से प्यार ना कर सके,
तूने मांगा भी तो अपनी जुदाई मांगी,
और हम थे की इंकार ना कर सके ।।
महफिल भी रोएगी
हर दिल भी रोएगा
डूबी जो मेरी कश्ती
तो साहिल भी रोएगा !
हम इतना प्यार बिखेर देंगे इस दुनिया में
कि मेरी मौत पर ..
मेरा कातिल भी रोएगा !!
कदम दो चार चलता हूं मुकद्दर रूठ जाता है,
हर एक उम्मीद से रिश्ता टूट जाता है,
जमाने को संभाल लूंगा तो तुमसे दूर होता हूं,
तेरा दामन संभालूं तो जमाना छूट जाता है ।।
देखकर हमें वह सर झुकाते हैं
बुलाकर महफिल में नजरें चुराते हैं !
नफरत है हमसे तो भी कोई बात नहीं
पर गैरों से मिलकर दिल क्यों जलाते हैं !!
जब खुदा ने इश्क बनाया होगा
तब उसने भी इसे आजमाया होगा !
हमारी औकात ही क्या है
कमबख्त इश्क ने तो खुदा को भी रुलाया होगा !!